सिनेमा | 6-मिनट में पढ़ें
दिलीप कुमार तो हमेशा रहेंगे, बस युसूफ साहब का जिस्म चला गया...
मैं जब दिलीप कुमार की बैक टू बैक फिल्में देखने के बाद उनकी हालिया सूरत देखता था तो मुझसे देखी नहीं जाती थी. मुझसे बर्दाश्त नहीं होता था. मैं दिल की बात कहूं तो मुझे बहुत सुकून मिला ये जानकर कि अब मुहम्मद युसूफ खां साहब ने अपना मुश्किलों भरा जीवन त्याग दिया.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
दिलीप कुमार की ये पांच फिल्में नहीं देखी तो क्या देखा, साहब के बिना सिनेमा जगत अधूरा है!
दिलीप कुमार (Dilip Kumar) नहीं होते तो शायद लोगों को बॉलीवुड से इतना प्यार नहीं होता. अदाकारी क्या होती है, साहब के बिना शायद यह किसी को समझ ही नहीं आता. जादूगर भले दुनिया को अलविदा कह गया, लेकिन उनका तिलिस्म अभी भी कायम है और रहेगा.
सिनेमा | 2-मिनट में पढ़ें




